Saturday, September 4, 2010

फूलो की घाटी

आज मै फूलों की घाटी के कुछ चित्र प्रकाशित कर रहा हूं,इस उम्मीद के साथ की आपको पसंद आयेंगे। संक्षेप मे बता रहा हूं कि गोविन्द धाम से लगभग 11 कि.मी. की पहाडी चढाई के बाद एक कस्बानुमा जगह आती है घांघरिया यही से फूलों की घाटी का पैदल रास्ता जाता है। यह हेमकुंड साहिब जाने के मार्ग पर ही पडता है बस घांघरिया से रास्ता अलग हो जाता है। हम जब गये थे तब तक कुछ ज्यादा फूल नही खिले थें अन्यथा सितम्बर मे जब सीजन अपने चरम पर होता है तब कहते है कि फूलों की घाटी मे इतने किस्म के फूल खिलते है कि आप अंदाजा भी नही लगा सकते है और इन फूलों के मकरन्द की खुशबु से आप बौरा जाते है। एक मित्र ने बताया कि तब इन फूलों की खुशबु से आदमी को नशा सा हो जाता है।

फूलो की घाटी विश्व धरोहर है तथा यहाँ पर प्रकृति प्रेमी पर्यटक आते हैं फूलो की घाटी की खोज एक आयरिश लेडी मार्गेट ने की थी और रोचक बात यह है कि उसने अपने प्राण भी इसी फूलो की घाटी मे त्यागे,फूलों की घाटी मे मार्गेट की केव (कब्र) बनी हुई है जिसे देखकर एक दिव्य अनुभूति होती है।

बातें बहुत है लेकिन बस मन इतना ही है लिखने का सो आपसे माफी चाहूंगा विस्तार से वृतांत न लिख पाने के लिए...। ये चित्र भी बोलते चित्र है ऐसा मेरा विश्वास है।

डा.अजीत












































































































































































































































































3 comments:

  1. लाजवाब चित्र...आनंद आ गया...
    नीरज

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  2. ajit ji ,namaskar
    pahli bar aapke blog par aai hun,par fulin ki ghatti ke baare me jaankari lekar
    pura anand uthayaman mohak chitron ke saath.bahut hi achhi lagi post.
    poonam

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  3. फ़ूलों की घाटी के फ़ोटो जब मैं गया था तो ज्यादा फ़ूल थे
    अपनी भी यादे ताजा हो गयी, आप के साथ,

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