skip to main | skip to sidebar

खानाबदोश

रात सर पर है और सफर बाकी,हमको चलना ज़रा सवेरे था...

Wednesday, October 6, 2010

अलविदा...









Posted by Dr.Ajit at 7:30 AM 1 comment:

फूलों की घाटी के कुछ चित्र...
























Posted by Dr.Ajit at 7:07 AM No comments:

थकान ऐसी मिटायी मैने...



Posted by Dr.Ajit at 7:03 AM No comments:

कुछ फोटो यें भी हैं...



















Posted by Dr.Ajit at 6:38 AM 1 comment:
Older Posts Home
Subscribe to: Posts (Atom)

फक्कड-नुक्कड

  • कुल प्रविष्ठियां: 30
  • कुल टिप्पणियां: 57
विजेट आपके ब्लॉग पर

Facebook Badge

Ajeet Singh

Create Your Badge
"

आत्मसमर्पण

इस ब्लाग का लेखक एक परजीवी आत्ममुग्ध और बेबात नाराज़ और उदास रहने वाला देहाती मानुष है। हिन्दी से असीम अनुराग है बोलता ठीक-ठाक है लेकिन लेखन मे गंभीर व्याकरण से लेकर वर्तनी सम्बन्धी त्रुटियां होने की शत प्रतिशत संभावना है सो शुद्द हिन्दी पढनें वालो और भाषागत शुचिता के पैरोकारों से मै क्षमा ही मांग सकता हूं क्योंकि मेरे लेखन का यह वह स्याह पक्ष है जिसमे सुधार ही कम ही संभावना है। आप उदारमना होकर मेरी गंभीर त्रुटियों को नज़रअन्दाज करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है।

सुरक्षा

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

कॉपीराइट नोटिस

© इस ब्लॉग पर उपलब्ध सारी सामग्री के कॉपीराइट सहित सर्वाधिकार "डा.अजीत" के पास सुरक्षित हैं। डा.अजीत की अनुमति के बिना यहाँ से किसी भी सामग्री को पूर्ण या आंशिक रूप से कॉपी नहीं किया जाना चाहिये। यदि आप यहाँ प्रकाशित सामग्री का प्रयोग करना चाहते हैं तो इसके लिये डा.अजीत से ईमेल द्वारा लिखित अनुमति प्राप्त करें और प्रयोग करते समय सामग्री के रचनाकार के तौर पर "डा.अजीत" नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख करें। ऐसा ना करने के स्थिति में आप भारतीय कॉपीराइट एक्ट के तहत अपराधी होंगे।
Indli Hindi - India News, Cinema, Cricket, Lifestyle
Text selection Lock by Hindi Blog Tips

Followers

Blog Archive

  • ▼  2010 (30)
    • ▼  October (4)
      • अलविदा...
      • फूलों की घाटी के कुछ चित्र...
      • थकान ऐसी मिटायी मैने...
      • कुछ फोटो यें भी हैं...
    • ►  September (1)
    • ►  August (5)
    • ►  July (5)
    • ►  June (9)
    • ►  May (6)

About Me

My photo
Dr.Ajit
देहाती,भदेस,असामाजिक जिससे सभी मित्र,रिश्तेदार अक्सर नाराज रहते है और घमंडी भी कहते है ऐसा आवारा किस्म का इंसान जो बोलता ज्यादा है करता कुछ भी नही...जिन्दगी बेतरतीब जीने की आदत है अतीत का व्यसन है,वर्तमान नीरस है और भविष्य का कोई नियोजन नही है सो जिन लोगो को असफल लोगो से प्यार है उनका स्वागत है। लिखने पढने का शौक तो नही कह सकता पर कभी कभी कुछ मन मे होता है तो कह देता हूं, डिग्री,पदवी,ओहदे से कोई ताल्लुक नही है वैसे मज़ाक मज़ाक मे पी.एच.डी. हो गई है वो भी मनोविज्ञान में। खुद को तो कभी समझ नही पाएं दूसरो को क्या खाक समझेंगे? सो ना सलाह देता हूं ना लेता हूं अदब से थोडा कमजोर हूं और आदत से जज़्बाती... बस यही परिचय है अपना इसमे मेरा कुछ भी नही है सब कुछ उधार का है।
View my complete profile