Friday, May 28, 2010

बहरहाल

अभी काफिला निकला ही था कि वक्त और हालात ने अपने तमाशे शुरू कर दिए है लेकिन अपना हौसला भी इतना कमजोर नहीं है कि ये कारवा थम जाये... अभी हुआ यूं कि गाँव में अचानक से तेज़ बिजली के आने से लेपटाप का एडाप्टर खराब हो गया है सो आपसे रूबरु होने का साधन नहीं रहा आज अपने मित्र के लेपटाप से यह सब लिख रहा हूँ ताकि आपको यह खबर दे सकूं कि मैं किस वजह से आपसे संवाद नहीं स्थापित कर पा रहा हूँ
एक पहले लिखी पोस्ट "हजारो ख्वाहिशे ऐसी " मैंने अभी ब्लॉग से हटा ली है क्योंकि यह कुछ जगह पर खुल नहीं रही थी इसको दोबारा पोस्ट करूंगा जब मैं अपने लेपटाप पर काम करना शुरू कर दूंगा, फिलहाल बेजारी में हरिद्वार में वक्त गुज़ार रहा हूँ इस उम्मीद पर कि जल्द ही मुझे एडाप्टर रिप्लेस होकर मिल जाएगा और मैं यहाँ से रवानगी लूंगा
जल्द हाज़िर होता हूँ कुछ नयी इबारतो के साथ....(सही फॉर्मेट में पोस्ट नही आने के लिए क्षमा चाहूँगा,मित्र का लैपटॉप ब्लागिंग का अभ्यस्त नहीं है बस काम हो गया जैसे तैसे )
आपका
डॉ.अजीत

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